PM SHRI KV SEC.-3 ROHINI LIBRARY BLOG
"शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है
OUR PRINCIPAL
Library Annual Activity Plan 2024-25
- Home
- Library Policy
- LIBRARY RULS
- Library Statistics as on 01.09.2024
- KVS Forms
- NCERT
- CBSE
- CCS Rules
- Question Bank - X (2024-25)
- Question Bank - XII (2024-25)
- Library Committee 2024-25
- National Digital Library
- Encyclopedia
- Book Review
- Library Periodicals
- Library Services
- KVS CIRCULARS REPOSITORY
- KVS DIGITAL REPOSITORY
- Digital Library
- Photo Gallery
- Career Links
- PHOTO GALLERY 2024-25
- E-Magazines
- CURRICULUM 2024-25
- KVS (HQ)
- Activities Science & Maths Class VI to XII
- Digital Learning Content Class 2 to 12
- LIBRARY ACTIVITIES 2024-25
- E-BOOKS
- KVS ZIET Chandigarh
- Educational / Motivational Videos
- VIRTUAL LIBRARY
- KV SEC-3 ROHINI
- Library Annual Activity Plan 2024-25
- OPEN EDUCATIONAL RESOURCES
Thursday, October 10, 2024
Book Exhibition on on 30.09.2024
Saturday, September 14, 2024
हिंदी दिवस 14 सितंबर 2024
हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन ही देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। साल 1953 में पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था। तभी से यह सिलसिला बना हुआ है। हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा की स्थिति और विकास पर मंथन को ध्यान में रखना है। देश में करीब 77 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं।
भारत की मुख्य भाषा हिंदी को कब मिली पहचान-
14 सितंबर 1949 को राजेंद्र सिम्हा के 50 वें जन्मदिन पर हिंदी को आधिकारिक भाषा (Official Language) के रूप में अपनाया गया और इसके बाद प्रचार-प्रसार को आगे बढ़ाने के प्रयासों में तेजी आई. भारत के संविधान द्वारा 26 जनवरी 1950 को यह निर्णय लागू किया गया था. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (Article 343) के तहत देवनागरी लिपि (Devanagari Script) में लिखी गई हिंदी (120 से अधिक भाषाओं में प्रयुक्त होने वाली लिपि) को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था.
सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में 15 दिन तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा की ओर से हिंदी को आजाद भारत की मुख्य भाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में किया गया है। अनुच्छेद के अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिंदी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है।
क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस-
हिंदी दिवस के मौके पर देशभर के स्कूलों, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। हिंदी पूरे विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। वहीं दूसरी ओर भारत में अन्य कई भाषाएं विलुप्त हो रही हैं। जो चिंतन का विषय है। ऐसे में हिंदी की महत्ता बताने और प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस को मनाया जाता है।
गृह मंत्रालय ने 25 मार्च 2015 के अपने आदेश में हिंदी दिवस पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले दो पुरस्कारों के नाम बदल दिए थे. 1986 में स्थापित इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को बदलकर राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ और राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक लेखन पुरस्कार को बदलकर राजभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया था.
I
हिंदी की ई -पुस्तकें
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हिंदी प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकते हैं-
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSewpID7fh8xwBVXD2oeiLTLG8OfWcT__RNekW8mO7LQxZdhLw/viewform
Wednesday, June 19, 2024
READING WEEK/MONTH 2024
Saturday, May 18, 2024
Friday, November 17, 2023
Hindi Book Exhibition on 19.10.2023
Central Vigilance Awareness Week
Monday, September 5, 2022
सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन
अपने इस महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाकर डॉ.राधाकृष्णन के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है।
जीवन परिचय – 5 सितंबर 1888 को चेन्नई से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित एक छोटे से कस्बे तिरुताणी में डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम सर्वपल्ली वी. रामास्वामी और माता का नाम श्रीमती सीता झा था। रामास्वामी एक गरीब ब्राह्मण थे और तिरुताणी कस्बे के जमींदार के यहां एक साधारण कर्मचारी के समान कार्य करते थे। डॉक्टर राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे। उनके चार भाई और एक छोटी बहन थी छः बहन-भाईयों और दो माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय अत्यंत सीमित थी। इस सीमित आय में भी डॉक्टर राधाकृष्णन ने सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। उन्होंने न केवल महान शिक्षाविद के रूप में ख्याति प्राप्त की,बल्कि देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद को भी सुशोभित किया। स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को बचपन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शुरुआती जीवन तिरुतनी और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही बीता। यद्यपि इनके पिता धार्मिक विचारों वाले इंसान थे लेकिन फिर भी उन्होंने राधाकृष्णन को पढ़ने के लिए क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल,तिरुपति में दाखिल कराया। इसके बाद उन्होंने वेल्लूर और मद्रास कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त की। वह शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे। अपने विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने बाइबल के महत्वपूर्ण अंश याद कर लिए थे,जिसके लिए उन्हें विशिष्ट योग्यता का सम्मान भी प्रदान किया गया था। उन्होंने वीर सावरकर और विवेकानंद के आदर्शों का भी गहन अध्ययन कर लिया था। सन 1902 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा अच्छे अंकों में उत्तीर्ण की जिसके लिए उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कला संकाय में स्नातक की परीक्षा में वह प्रथम आए। इसके बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया और जल्द ही मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। डॉ.राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शन शास्त्र से परिचित कराया।
Thursday, September 30, 2021
हिन्दी पखवाड़ा - पुस्तक प्रदर्शिनी
2022-23
हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाया गया तब से हिंदी भाषा को एक उच्च दर्जा प्राप्त हुआ और इसी उपलक्ष्य में हम प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं।
हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसे देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में लिखा गया है। राजेंद्र सिंह, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, और सेठ गोविंद दास गोविंद जैसे लोगों ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाए जाने के पक्ष में कड़ी पैरवी की। भारतीय संविधान के आधार पर, अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है।
हिंदी दिवस पूरे भारत में बहुत उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सभी हमारी राष्ट्रभाषा को सम्मान देते हैं।
इतिहासकारों का मानना है कि हिन्दी विद्वानों द्वारा अपनी महान साहित्यिक कृतियों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख भाषा रही है। रामचरितमानस एक साहित्यिक कृति है जो हिंदी में भगवान राम की कहानी का वर्णन करती है और गोस्वामी तुलसीदास की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जिसे 16 वीं शताब्दी में लिखा गया था। हिंदी सबसे आदिम भाषाओं में से एक है जो मूल रूप से संस्कृत भाषा से संबंधित है। अतीत से, हिंदी एक भाषा के रूप में विकसित होकर हमारी राष्ट्रभाषा बन गई है।
वर्ष 1917 में, महात्मा गांधी ने भरूच में गुजरात शिक्षा सम्मेलन में प्रस्तुत एक भाषण में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए और अर्थव्यवस्था, धर्म एवं राजनीति के लिए संचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
देश के सर्वप्रथम प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में भारत के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं जिसमें छात्र बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जहां छात्र हिंदी में विभिन्न कविताओं का पाठ करते हैं तथा हिंदी निबंध पढ़कर हिंदी भाषा को गर्वान्वित करते हैं। हिंदी दिवस के इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और हिंदी में कहानियां पढ़ी जाती हैं। हमारे लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों में लोकप्रियता हासिल कर रही है।
आज के आधुनिक समय में लोग पश्चिमी सभ्यता से काफी प्रभावित हुए हैं। हिन्दी भाषा का महत्व समाप्त होता जा रहा है। हिंदी दिवस लोगों को उनकी जड़ों से जोड़े रखता है और लोगों को उनकी मूल संस्कृति की याद दिलाता है।
Wednesday, June 23, 2021
Reading Week Celebration Program (19-25 June 2023)
In memory of honoring the Father of the “Library Movement in Kerala” Late Shri P. N. Panicker, country is celebrating Reading Week from 19 June to 25 June 2023, the various activities will be conducting by the Library of Kendriya Vidyala Sec-3, Rohini, Delhi. Details are as under:-
Date
| Competition | Class |
19 Jun 2023 | Quiz on Reading Based on Comprehensive | VI-VIII |
20 June 2023
| Story Telling | VI- VIII |
22 June 2023
| Poem Recitation (Books) | VI-IX |
23 June 2023 | Essay Writing (Book Reading during Lockdown) | VI- X |
24 June 2023 | Quiz on Books and Authors (Play through Library Blog) | VI – XII |
25 June 2023
| Biography of any Author or Poet | VI – XII |
Monday, August 17, 2020
Now Listen NCERT Textbooks........ talk to NCERT
Friday, August 14, 2020
Monday, August 10, 2020
ONLINE PAINTING COMPETITION AND ESSAY COMPETITION
National Education Policy (NEP) - 2020
Friday, July 31, 2020
मुंशी प्रेमचंद जी का जीवन परिचय
महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होने 1921 में अपनी नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद कुछ दिनों तक उन्होने ने मर्यादा नामक पत्रिका में सम्पादन का कार्य किया।उसके बाद छह साल तक माधुरी नामक पत्रिका में संपादन का काम किया। 1930 से 1932 के बीच उन्होने अपना खुद का मासिक पत्रिका हंस एवं साप्ताहिक पत्रिका जागरण निकलना शुरू किया। कुछ दिनों तक उन्होने ने मुंबई मे फिल्म के लिए कथा भी लिखी।
-
Quiz on Inspiring Slogan of our Freedom Fighters
-
National Education Policy (NEP) - 2020 https://www.ugc.ac.in/pdfnews/3563340_PPT-Draft-NEP-2019.pdf
-
हिंदी दिवस 14 सितंबर 2024 हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन ही देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप ...